Top 50 Amir Khusro quotes in Hindi

Top 50 Amir Khusro quotes in Hindi-आज हम आपके लिए लाए है “Amir Khusro quotes in Hindi“.अमीर खुसरो को “तुती-ए-हिंद” या “हिंद का पार्रोह” के नाम से जाना जाता है। अमीर खुसरो मंगोल वंश के शासक जलालुद्दीन खिलजी के दरबार में  उर्दू शायर, संगीतकार, और स्वतंत्र विचारक थे।उनकी शायरी व्यंग्य, प्रेम, वीरता, भक्ति और विवेक को अपनी शैली में दर्शाती है। अमीर खुसरो का जन्म दिल्ली सल्तनत में 1253 ई. में हुआ था और वे 1325 ई. में इनका निधन हो गया था।

Top 50 Amir Khusro quotes in Hindi

 अपनी छवि बनाई के मैं तो पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की सो अपनी भूल गई।

 ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ

सेज सूनी देख के रोऊं दिन-रैन।
पिया पिया कहती मैं पल भर सुख न चैन।।

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ,
न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ।

Amir Khusro quotes in Hindi

मैं तुम बन गया, और तुम मैं हो गए
मैं शरीर हूँ, तुम आत्मा
ताकि इसके बाद कोई यह न कह सके
कि तुम कोई और हो और मैं कोई और

Amir Khusrau Shayari in Hindi

 खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय,
वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय।

 खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय।
वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय।।

पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव।
मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखन भाव।।

बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे
बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे।
तार तार की तान निराली,
झूम रही सब वन की डाली। (डारी)
पनघट की पनिहारी ठाढ़ी,
भूल गई खुसरो पनिया भरन को।

You can also read-50 powerful George Bernard Shaw quotes in Hindi

बाबुल भेजी मुझ देन कौ तादाँ कौ फूल।
हो छावंजा दहाजिया नाला हो मोल।।

खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन।
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन।।

 श्याम सेत गोरी लिएचूँ शम-ए-सोज़ाँ चूँ ज़र्रा हैराँ ज़े मेहर-ए-आँ-मह बगश्तम आख़िर

न नींद नैनाँ न अंग चैनाँ न आप आवे न भेजे पतियाँ  जनमत भई अनीत,
एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत।

 खुसरो, मैं अपनी प्रेयसी के साथ प्यार का खेल खेलता हूँ।
अगर मैं जीत गया, तो प्रियतम मेरी, और अगर हार गया, तो मैं उसका हूँ।

 बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
मेरे अच्छे निज़ाम पिया।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
ज़रा बोलो निज़ाम पिया।
पनिया भरन को मैं जो गई थी।
दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी।
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
खुसरो निज़ाम के बल-बल जाइए।
लाज राखे मेरे घूँघट पट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की।

Amir Khusro quotes in Hindi

 खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय,
पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।

 बान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़ रोज़-ए-वसलत चू उम्र कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ

 खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि हिन्दू जन माबाश,
कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान-ए-खेस रा।

 साजन ये मत जानियो तोहे बिछड़त मोहे को चैन,
दिया जलत है रात में और जिया जलत बिन रैन।

Amir Khusro quotes in Hindi 

उज्जवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान,
देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।

नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय।
पी गोरी मैं साँवरी अब किस विध मिलना होय।।

पहले तिय के हीय में, डगमत प्रेम उमंग।
आगे बाती बरति है, पीछे जरत पतंग।।

अमीर खुसरो की  सबसे बेहतरीन शायरी

बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे
बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे।
तार तार की तान निराली,
झूम रही सब वन की डाली। (डारी)
पनघट की पनिहारी ठाढ़ी,
भूल गई खुसरो पनिया भरन को।

 पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव।
मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखन भाव।।

नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय।
पी गोरी मैं साँवरी अब किस विध मिलना होय।।

 रैन बिना जग दुखी और दुखी चन्द्र बिन रैन,
तुम बिन साजन मैं दुखी और दुखी दरस बिन नैंन

 नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय,
पी गोरी मैं साँवरी अब किस विध मिलना होय।

 पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव,
मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखन भाव।

 खीर पकाई जतन से, चरखा दिया जलाएं,
आया कुत्ता खा गया, तू बैठी ढोल बजा।

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।

अंगना तो परबत भयो, देहरी भई विदेस,
जा बाबुल घर आपने, मैं चली पिया के देस।

अपनी छवि बनाई के मैं तो पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की सो अपनी भूल गई।

 AMIR KHUSRO SHAYARI

आ घिर आई दई मारी घटा कारी।
बन बोलन लागे मोर।
दैया री बन बोलन लागे मोर…

रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी
छाई री चहुँ ओर।
आज बन बोलन लागे मोर…

कोयल बोले डार-डार पर
पपीहा मचाए शोर।
आज बन बोलन मोर…ऐसे समय साजन
परदेस गए बिरहन छोर।
आज बन बोलन मोर…

भाई रे मल्‍लाहो हम को पार उतार।
हाथ को देऊंगी मुंदरी गले को देऊं हार।।

अम्मा मेरे बाबा को भेजो री – कि सावन आया
अम्मा मेरे बाबा को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री – कि सावन आया
अम्मा मेरे भाई को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा भाई तो बाला री – कि सावन आया
अम्मा मेरे मामू को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा मामू तो बांका री – कि सावन आया

चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय।
ये मारे करतार के रैन बिछोया होय।।

Top 50 Amir Khusro quotes in Hindi

देख मैं अपने हाल को रोऊं, ज़ार-ओ-ज़ार।
वै गुनवन्ता बहुत है, हम हैं औगुन हार।।

 परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।

 खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन

 गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस
चल खुसरो घर आपने, सांझ भयी चहु देस

   

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top