Top 3 Pari ki kahani in Hindi


Top 3 Pari ki kahani in Hindi-छोटे बच्चों को अक्सर कहानियां बहुत पसंद होती है । क्योंकि कहानियां उन्हें वास्तविकता की दुनिया से दूर अक्सर ऐसी दुनिया में ले जाती है जहां पर बुराई पर अच्छाई की विजय हो जाती है। आज हम बात करने वाले हैं परियों की कुछ बहुत ही दिलचस्प कहानियों के बारे में जो आप को रहस्य और रोमांच की अद्भुत दुनिया का एहसास कराएगी। इस आर्टिकल में आप “Top 3 Pari ki kahani in Hindi ” पढ़ पाएंगे जिससे आप को अपने जीवन में आगे बढ़ने की और मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी।

Top 3 Pari ki kahani in Hindi-परियों की कहानियाँ

परी का वरदान-Pari ki kahani in Hindi

Pari ki kahani in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक गरीब किसान और उसकी पत्नी रहते थे। दोनों अपने खेत में दिन-रात काम करते थे और अपना गुजारा बड़ी मुश्किल से कर पाते थे।

समय के बाद उनके घर में एक पुत्र का जन्म हुआ। पुत्र को पाकर किसान और उसकी पत्नी बहुत खुश हुए और उन्होंने अपने पुत्र का नाम राजू रखा।
धीरे-धीरे समय बीतता गया और राजू अब 15 साल का हो गया।

राजू के दोस्तों के पास सुविधा की सभी चीजें थी क्योंकि वे एक अच्छे घर से संबंध रखते थे। इसलिए राजू को इस बात से बहुत दुख होता था कि उसके पास कुछ नहीं है जबकि उसके मित्र पूरी तरह से संपन्न है।

एक  दिन राजू ने अपने माता-पिता से  एक मोबाइल फोन खरीदने को कहा। राजू ने कहा मेरे सारे दोस्तों के पास मोबाइल फोन है इसलिए मुझे भी मोबाइल फोन चाहिए।

लेकिन राजू के माता-पिता ने उसे समझाते हुए कहा कि वह लोग बहुत गरीब हैं इसलिए वे मोबाइल फोन नहीं खरीद सकते।
यह सुनकर राजू को बहुत दुख हुआ और वह एक अकेली जगह पर जाकर रोने लगा। तभी राजू के सामने एक परी प्रकट हुई और उसने राजू के दुख का कारण पूछा। राजू ने परी को अपनी सारी कहानी सुनाई।राजू की बात सुनकर परी ने राजू को एक वरदान दिया।

परी ने राजू से कहा कि जब भी उसकी माता के आंसू आएंगे तो वह आंसू मोती  में बदल जाएंगे। लेकिन परी ने कहा अगर कभी राजू की आंखों से आंसू आएंगे तो यह वरदान खत्म हो जाएगा और राजू पहले की तरह गरीब हो जाएगा।
अगले दिन राजू ने देखा कि जैसे ही उस की माता की आंखों से आंसू निकले वह आंसू मोती मे बदल गए। मोतियों को बेचकर राजू और उसका परिवार अमीर हो गया और  एक आराम की जिंदगी जीने लगा।

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अब राजू बहुत खुश था वह अपनी हर जरूरत की चीजें पूरी कर लेता था लेकिन अपनी खुशी मे राजू अपने माता-पिता को भूलने लगा और उनसे दूर रहने लगा जिस के कारण माता-पिता काफी दुखी रहने लगे।
बहुत समय बीत जाने के बाद एक दिन राजू की माता बीमार पड़ गई। इसलिए माता ने राजू को अपने पास बुलाया और कहा राजू बेटा मैं बहुत बीमार हो गई हूं लगता है मेरा अंत समय आ गया है।

यह कहकर राजू की माता जोर जोर से रोने लगी। माता को इस तरह रोते हुए देख कर राजू को बहुत दुख हुआ क्योंकि उसने अपनी जिंदगी ऐश और आराम से बिताई थी और अपने माता पिता की सेवा नहीं की थी।

यह बात सोच कर राजू का मन दुखी हो गया और उसकी आंखों से आंसू निकल आए। जैसे ही राजू की आंखों से आंसू निकले तो परी का दिया हुआ वरदान खत्म हो गया। जिसके कारण राजू और उसका परिवार पहले की तरह गरीब हो गया।

लेकिन राजू इस बात से दुखी नहीं था उसने अपनी माता से कहा मैंने आप लोगों को बहुत दुख दिया है। अब मैं समझ गया हूं कि इंसान का असली धन अपनों की खुशी होता है।इसके बाद राजू अपने माता-पिता के साथ रहने लगा और उनकी खूब सेवा की।
शिक्षा– हमें खुद की खुशी के लिए अपने माता-पिता को दुखी नहीं करना चाहिए ।

नन्ही राजकुमारी थंबलीना की कहानी-Pari ki kahani in Hindi

Pari ki kahani in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक महिला अपने घर में अकेली ही रहती थी उसका अपना कोई सगा संबंधी नहीं था। इस महिला की एक बहुत ही अच्छी दोस्त थी जो एक परी थी।

एक दिन महिला अपनी परी दोस्त से मिलने गई और उसे अपने अकेलेपन का दुख बताया। यह सुनकर सुंदर परी ने अपनी महिला दोस्त को एक जादुई बीज दिया और उसे विधि अनुसार उगाने को कहा।
महिला ने घर जाकर परी की बताई गई विधि के अनुसार बीज को उगा दिया। अगले दिन महिला ने देखा कि बीज से एक कली विकसित हो गई है और यह कली एक सुंदर फूल की थी।

जैसे ही महिला ने खुशी से इस कली को चुम्मा तो यह कली एक खूबसूरत फूल में बदल गई।फूल के खिलते हि इसमें से एक बहुत ही सुंदर लड़की बाहर निकली जो फूल जैसी कोमल और अंगूठे जितनी छोटी थी। उसे देखकर महिला बहुत खुश हुई और उसके अंगूठे जितने आकार होने के कारण उसका नाम  थंबलीना  रख दिया।

महिला ने थंबलीना को बताया कि वह उसकी मां है और उसका बहुत प्यार से लालन-पालन शुरु कर दिया। मां और बेटी दोनों बड़ी खुशी से उस घर में रहने लगे और महिला का अकेलापन भी दूर हो गया। एक दिन थंबलीना जब अपने घर के बाहर खेल रही थी तो एक मेंढक की नजर उस पर पड़ी।
मेंढक मन ही मन सोचने लगा कि यह छोटी सी लड़की कितनी सुंदर है मैं अपने बेटे की शादी इससे करा दूंगा।

इसलिए मेंढक ने थंबलीना को उठा लिया और उसे अपने लड़के के पास ले गया। मेंढक का लड़का थंबलीना को देखकर मंत्र मुक्त हो गया और उससे शादी करने के लिए तुरंत ही तैयार हो गया। मेंढक ने थंबलीना को तालाब के अंदर एक बड़े से पत्ते पर रख दिया और शादी की तैयारी में जुट गया।
खुद को मुसीबत में पाकर थंबलीना कुछ नहीं कर पा रही थी और इसलिए वह रोने लगी। उस की रोने की आवाज एक तितली ने सुन ली इसलिए तितली थंबलीना को उठाकर एक फूलों के नगर में ले जाती है।

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लेकिन जैसे ही तितली थंबलीना के लिए भोजन का इंतजाम करने के लिए गई तभी एक झिंगुर ने थंबलीना को देख लिया।  झिंगुर भी थंबलीना की सुंदरता को देखकर उससे शादी करना चाहता था। इसलिए वह थंबलीना को अपने साथ अपने दोस्तों के पास ले जाता है। लेकिन झिंगुर के दोस्त उसका मजाक उड़ाना शुरू कर देते हैं और कहते हैं कि यह लड़की हमारे जैसी नहीं है। इसलिए वह झिंगुर भी थंबलीना को छोड़ देता है।

जल्द ही सर्दी का मौसम आ जाता है और थंबलीना अपने आपको एक जंगल में अकेली पाती है। कुछ समय चलने के बाद थंबलीना को एक घर दिखाई देता है इसलिए थंबलीना मदद मांगने के लिए घर का दरवाजा खटखटाती है। यह मकान एक चुहिया का था।
थंबलीना ने चुहिया से सहायता मांगी। चुहिया ने थंबलीना को अपने घर में रहने दिया लेकिन इसके बदले में चुहिया ने थंबलीना को घर का काम करने को कहा। थंबलीना इसके लिए राजी हो गई।

वक्त बीतता गया और एक दिन चुहिया के घर पर एक छछूंदर आया। जैसे ही छछूंदर में थंबलीना की आवाज सुनी तो वह उसकी आवाज पर मोहित हो गया। इसलिए छछूंदर ने चुहिया के सामने थंबलीना से विवाह करने का प्रस्ताव रखा। छछूंदर काफी अमीर था और शहर में उसका काफी नाम था इसलिए चुहिया ने थंबलीना का विवाह छछूंदर से करने की बात मान ली। थंबलीना को यह विवाह पसंद नहीं था लेकिन वह चाह कर भी इसके लिए मना नहीं कर पाई।

एक दिन थंबलीना दुखी बैठी थी तभी उसे एक घायल चिड़िया मिली। वह चिड़िया को घर ले आई और उसकी सेवा करने लगी। धीरे-धीरे चिड़िया के घाव भर गए और वह पूरी तरह से ठीक हो गई। अब विवाह की तारीख काफी नजदीक आ गई थी इसलिए थंबलीना काफी दुखी थी।

थंबलीना को दुखी देख चिड़िया ने इसका कारण पूछा। थंबलीना ने सारी कहानी चिड़िया को सुनाई। थंबलीना की बात सुनकर चिड़िया ने थंबलीना को अपनी पीठ पर बैठा लिया और उसे फूलों के शहर ले गई। जहां पर थंबलीना की मुलाकात फूलों के राजकुमार से हुई। थंबलीना को देखकर राजकुमार को उससे प्यार हो गया। थंबलीना भी राजकुमार को पसंद करने लगी।

Top 3 Pari ki kahani in Hindi

राजकुमार ने अपने प्यार का इजहार थंबलीना से किया और उससे शादी करने की बात कही। यह सुनकर थंबलीना बहुत खुश हुई और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद दोनों प्यार से रहने लगे और अपनी जिंदगी व्यतीत करने लगे।
शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपने जीवन में आने वाली मुसीबतों से हमें हार नहीं माननी चाहिए और सब की भलाई करनी चाहिए।

सुंदर परी  की कहानी-Pari ki kahani in Hindi

Pari ki kahani in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक बहुत ही सुंदर नटखट परी थी। यह परी अपने परिवार के साथ रहती थी और परिवार के सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे। लेकिन परी अभी बहुत छोटी थी इसलिए परिवार के लोग उसे घर से बाहर नहीं जाने देते थे।

लेकिन नन्ही परी पूरी दुनिया घूमना चाहती थी। इसलिए एक दिन वह चुपके से घर से निकल गई और थोड़ी ही दूर आने के बाद उसे एहसास हुआ कि वह अपने घर से काफी दूर आ गई है और घर जाने का रास्ता भी उसे याद नहीं है।

लेकिन परी इस बात से खुश थी कि अब वह सारी दुनिया देख सकती है और पसंदीदा जगहों पर घूम सकती है। इसलिए परी ने इधर-उधर उड़ना शुरू कर दिया। वह कभी जंगल में घूमते तो कभी पक्षियों को देख कर खुश होती।

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उड़ते हुए अचानक नन्ही परी को एक लड़के की आवाज सुनाई देती है। इसलिए परी आवाज का पीछा करते हुए लड़के की घर की खिड़की तक पहुंच जाती है और  लड़के की बातें सुनना शुरू कर देती हैं।
नन्ही परी ने सुना कि लड़का अपनी मां से परी देखने की जिद कर रहा था।

लेकिन लड़के की मां लड़के को यह कहकर समझाने की कोशिश करती है कि परियां आकाश में रहती है। आकाश में बादल होने के कारण परियां दिखाई नहीं दे रही है। जैसे कि आकाश साफ होगा तो परियां दिखाई देने लगेगी।
यह कहकर मां बच्चे को सोने के लिए कहती है और अपने कमरे में चली जाती है।

खिड़की में खड़ी नन्ही परी यह सारी बातें सुन रही थी।
मां के जाते ही नन्ही परी बच्चे के सामने आ जाती है और यह देखकर बच्चा बहुत खुश होता है।
नन्ही परी और बच्चे की उम्र काफी कम थी इसलिए वह दोनों आपस में खेलना शुरू कर देते हैं। नन्ही परी भी बच्चे को तरह-तरह के जादु दिखाती है जिसे देखकर बच्चा बहुत खुश होता है।

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कुछ समय के बाद नन्ही परी को भी अपने घर की याद आती है इसलिए वह बच्चे को अलविदा कह कर अपने घर की तलाश में निकल पड़ती है। कुछ समय घूमने के बाद नन्ही परी को अपने घर नजर आता है।
अब नन्ही परी अपने घर पहुंचती है जहां सभी उस का इंतजार कर रहे थे।
नन्ही परी को देखकर घर वाले बहुत खुश होते हैं। नन्ही परी घरवालों को सारी कहानी सुनाती है और कभी भी कहीं पर अकेला नहीं जाने का वादा करती है।

शिक्षा-इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मां बाप को बच्चों की इच्छाओं का ध्यान रखना चाहिए।

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