कहानी लिखने के नियम क्या है-हर किसी ने अपने बचपन में जरूर कहानी सुनी होगी। कुछ कहानियां आपको बेहद ही रोचक लगी होंगी जबकि कुछ कहानियां आपको ठीक ठाक लगी होंगे। ऐसा भी संभव है कि एक ही कहानी जब अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा बताई जाए तो उनके बताने के तरीके के हिसाब से आपको कहानी अच्छी या बुरी लग सकती है। सार यह है कि कहानी किसके बारे में है इसके साथ साथ यह बात भी महत्वपूर्ण है कि कहानी को कैसे प्रस्तुत किया जाता है।
तो आज हम बात करने वाले हैं कि वास्तव में कहानी होती क्या है और एक “कहानी लिखने के नियम क्या है“।
कहानी क्या है
कहानी हिंदी गद्य साहित्य का एक प्रकार है। किसी वास्तविक घटना या किसी काल्पनिक कथा का हृदय स्पर्शी ,भावात्मक और कलात्मक वर्णन ही कहानी कहलाता है। कहानी का इतिहास बहुत ही पुराना है।
प्राचीन काल से ही देवी-देवताओं और वीर योद्धाओं के साहस, कर्म और जीवन की घटनाओं को बताने के लिए कहानी का प्रयोग किया जाता रहा है।
कहानी के माध्यम से किसी भी जटिल विषय वस्तु वाली चीज को आसानी से समझाया जा सकता है।
लेकिन एक अच्छी कहानी लिखने के लिए लेखक को कुछ विशेष बातों का ध्यान देना होता है। तो आइए अब जाते हैं एक अच्छी लिखने के लिए क्या-क्या नियम है।
कहानी लिखने के नियम क्या है
शुरुआत में रुचि उत्पन्न करना
उचित शीर्षक चुनना
उचित क्रम से कहानी कहना
साधारण भाषा का प्रयोग करना
चित्रों का प्रयोग
संवाद का प्रयोग करना
चरित्रों का विकास
कहानी का प्लॉट तैयार करना
अप्रत्याशित घटना को शामिल करना
दृष्टिकोण का चयन करना
कहानी का एक उचित भाव
शुरुआत में रुचि उत्पन्न करना
कहानी के लिए उसकी शुरुआत अत्यंत महत्वपूर्ण है। कहानी की शुरुआत को अत्यंत रोचक तरीके से करना चाहिए ताकि पाठकों की इस बात में बनी रहेगी आगे क्या होने वाला है। यदि कहानी की शुरुआत धीमी और निरस होगी तो कहानी पढ़ने वाले कहानी से जुड़ नहीं पाएंगे।
उचित शीर्षक चुनना- अपनी कहानी के लिए एक उचित शीर्षक का चुनाव करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। हिंदी कहानी का शीर्षक आकर्षक होगा तो यह पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा और इस बात की संभावना बढ़ जाएगी कि पाठक आपकी कहानी को पढ़ें लेकिन यदि कहानी का शीर्षक उचित ना हो तो यह भी संभव है कि पाठक मात्रा आपका शीर्षक पढ़ कर ही यह निर्धारित कर ले कि उसे आपकी कहानी पढ़ने में अपना बहुमूल्य समय व्यतीत नहीं करना है।
कहानी के शीर्षक के महत्वपूर्ण गुण-
#पाठकों का ध्यान आकर्षित करना
#कहानी के विषय को समझने में मदद करें
#कहानी पढ़ने की उत्सुकता जागृत करें
कहानी लिखने के नियम-Kahani likhne ke niyam
उचित क्रम में कहानी कहना
कहानी लिखते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए कि कहानी एक लय में और उचित क्रम में लिखी जाए। कहानी में गठित विभिन्न घटनाएं एक उचित क्रम लिखी जानी चाहिए ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सके।
#एक अच्छी कहानी क्रमवार होनी चाहिए उसका आदि, मध्य और अंत अच्छी तरह से संगठित होना चाहिए।
#कहानी के आरंभ में उसके विषय के बारे में बताना चाहिए जबकि मध्य में कहानी का विस्तार और अंत में कहानी का सार स्पष्ट और सरल तरीके से पाठकों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए।
#एक अच्छी कहानी की यह विशेषता है कि उसमें प्रत्येक घटना का विवरण सही समय पर और विस्तार से किया जाता है काकी कहानी की लय बनी रहे। यदि कहानी का क्रम उचित नहीं होगा तो कहानी बिखरी हुई लगेगी और पाठकों को इसे समझने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
कहानी लिखने के नियम क्या है
साधारण भाषा का प्रयोग
कहानी लिखते समय यह बात अत्यंत आवश्यक है कि हमारी भाषा ऐसी हो जो पाठकों को आसानी से समझ में आ जाए। यदि कहानी की भाषा अत्यंत जटिल होगी तो पाठकों को कहानी समझने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। एक अच्छी कहानी की यह विशेषता है कि वह पाठकों को एक कहानी उन्हीं की भाषा में समझाने में सक्षम हो। कहानी की भाषा के कुछ महत्वपूर्ण पहलू।
साफ और सरल भाषा जो आसानी से समझी जा सके
ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए कि जो पाठकों की रूचि में वृद्धि करें।
कहानी में ज्यादा लंबे और संयुक्त वाक्य का कम प्रयोग होना चाहिए।
भाषा के वर्णन का प्रयोग करें ताकि पाठक अरे घटना को महसूस कर सकें।
चित्रों का प्रयोग
चित्रों की मदद से कहानी को समझना और आसान हो जाता है खासतौर पर बच्चों के लिए जिन्हें शब्दों को पढ़कर भाव को समझने में परेशानी होती है। बच्चे चित्रों को देखकर कहानी के भाव का आसानी से पता लगा सकते हैं। इसलिए कहानी लिखते समय चित्रों के उपयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उदाहरण के लिए नीचे दिए गए चित्रों को देखकर कहानी का पता लगाने की कोशिश करें क्या आप इन चित्रों को देखकर यह बता पा रहे हैं कि यह चित्र क्या दर्शा रहे हैं।
चित्रों का प्रयोग करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए की चित्र विस्तृत हो और कहानी की जानकारी आपको बिना पढ़े दे सके।
संवाद का प्रयोग करें
कहानी लिखते समय संवाद का जितना अधिक प्रयोग किया जाएगा पाठकों को कहानी उतनी ही रुचिकर लगेगी और वे उसे अच्छी तरह से समझ पाएंगे। उदाहरण के लिए यदि आप कोई फिल्म देख रहे हैं तो उसमें डायलॉग की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कुछ फिल्मों के डायलॉग तो इतने रुचिकर होते हैं कि आपको वह काफी लंबे समय तक याद रहते हैं। इसीलिए यदि कहानी में भी संवाद का प्रयोग होगा कहानी आपको ज्यादा मजेदार लगेगी उदाहरण के लिए निम्नलिखित संवादों पर ध्यान दीजिए।
पुत्र,” सुबह से से शाम तक चल चल कर मैं पूरी तरह से थक गया हूं, अब मैं एक कदम भी नहीं चल सकता”.
पिता,” कुछ दूरी पर ही तालाब है जहां पहुंचकर तुम अपनी प्यास पूरी तरह से बुझा सकते हो इसलिए कुछ हिम्मत रखो और चलते रहो”.
भगवान राम,”दुष्ट रावण! तेरी मृत्यु मेरे हाथों से निश्चित है”.
रावण,” हा हा हा मृत्यु मुझे क्या मारेगी वह तो स्वयं मेरी दासी है”.
चरित्रों का विकास
एक अच्छी कहानी का यह एक महत्वपूर्ण नियम है कि कहानी मे अलग-अलग चरित्र होने चाहिए और प्रत्येक के बारे में पाठकों को विस्तृत रूप से जानकारी दी जानी चाहिए। एक अच्छी कहानी वही है जिसमें कहानी सुनने या पढ़ने वाला अपने आप को कहानी के चरित्रों से जुड़ा हुआ महसूस करें। इसलिए कहानी में चरित्र निर्माण की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
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कहानी में चरित्र निर्माण कैसे किया जाता है इस उदाहरण को पढ़कर समझने की कोशिश करें।
उस व्यक्ति में एक विशेष प्रकार की बात थी से बात करता उसकी ओर खिंचा चला आता। उसकी वाणी मानव सभी के कानों में रस घोल रही हो। उसके चेहरे की सादगी को देखकर कोई भी उसे निहारता ही रहता।
कहानी लिखने के नियम क्या है-
कहानी का प्लॉट तैयार करना
प्रत्येक कहानी का एक विशेष प्लॉट होता है। कहानी लिखते समय इन बातों का ध्यान देना चाहिए।
कहानी का सबसे बेसिक यह है कि हमें कहानी लिखते समय संवेदना का चयन करना चाहिए। कहानी के पात्रों के माध्यम से कहानी की संवेदना पाठकों तक पहुंचने चाहिए तभी वह कहानी से जुड़ पाएंगे।
कहानी का एक मुख्य विषय होना चाहिए इस विषय के इर्द गिर्द ही पात्रों के चरित्रों का निर्माण किया जाना चाहिए।
कहानी के लक्ष्य का चुनाव होना चाहिए।
अप्रत्याशित घटनाओं को शामिल करना
यह कहानी का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है आपकी कहानी की घटना है अप्रत्याशित होनी चाहिए। अगर कहानी सरल है तो पाठक को पहले ही कहानी के बारे में पता चल जाएगा इसलिए कहानी में अप्रत्याशित घटनाएं होनी चाहिए जिनके बारे में पाठक सोच भी ना पाए जो कहानी पढ़ने में पाठकों की राशि में वृद्धि करेगा।
कहानी का भाव
प्रत्येक कहानी का एक भाव होता है इसलिए कहानी लिखने से पहले कहानी के भाव पर अच्छी तरह विचार कर ले। उदाहरण के लिए बुराई पर सच्चाई की विजय, अपने सपनों को साकार करें, मेहनत से मिली कामयाबी ऐसे सकारात्मक भाव वाली कहानियां पाठकों में प्राय रुचि उत्पन्न करती है। क्योंकि ऐसी कहानियों से पाठक अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करता है। इसलिए कहानी का भाव ऐसा होना चाहिए कि पाठक से आसानी से जुड़ जाए।
तो दोस्तों यह थे एक कहानी लिखने के नियम । यदि कहानी लिखते समय इन नियमों का पालन किया जाए तो कहानी अवश्य ही पाठकों को पसंद आएगी।