Inspiring Ek Garib kisan ki Kahani

Hello दोस्तों आज हम आप के लिए लाए हैं Ek Garib kisan ki kahani. इस लेख में आप किसान की दो रोचक कहानियां पढेगे.

ये कहानियाँ  मनोरंजन के साथ साथ आप को शिक्षा भी देंगी.

एक समय की बात है एक गांव में एक गरीब किसान अपनी पत्नी और अपने एक बेटे के साथ रहता था । वह अपनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे । उन्हीं के बगल में उसे गरीब किसान का भाई रहता था वह भी अपनी पत्नी और अपने एक बेटे के साथ रहता था। उस गरीब किसान का भाई बहुत अमीर था । उनके पिता का कमाया हुआ धन बड़ा भाई ही अपने पास ही रखता था और अपने छोटे भाई को वह उसका हिस्सा नहीं देता था ।

 धीरे-धीरे करके समय बीतता गया और समय के साथ  छोटे भाई यानि की गरीब किसान के पास बिल्कुल भी धन नहीं बचा । फिर कुछ दिन बाद दिवाली का समय आ गया , सभी के घर रोशनी से जगमगा  रहे थे पर गरीब किसान का घर सुनसान था और  गरीब किसान की पत्नी और बेटा भूखे प्यासे अपनी झोपड़ी में  बैठे हुए थे ।

किसान ने अपनी पत्नी और बेटे को भूखा प्यासा  देखकर बाहर जाकर काम ढूंढने की सोची । किसान यह सोचकर जंगल की ओर निकल पड़ा । जंगल के अंदर जाने पर गरीब किसान को एक बूढी औरत मिली जिसके बगल में बहुत सारी लकड़िया थी। गरीब किसान ने बूढी औरत से बोल क्या मैं आपकी इन लकड़ियों को आपके घर तक पहुंचने में मदद कर दूं? इसके बदले में क्या आप मुझे कुछ पैसे दे देंगी?

Ek Garib kisan ki kahani

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 बूढी औरत ने बोला हां बेटा तुम मेरी मदद कर दो मैं तुम्हें पैसे दे दूंगी । किसान उन लकड़ियों को उठाकर बूढी औरत के घर ले गया और उनके दरवाजे के आगे रख दी । बूढी औरत ने गरीब किसान को एक मिठाई का डब्बा दिया और बोली तुम जंगल में चलते जाओ तुम्हें रास्ते में चलते-चलते चार बड़े पेड़ दिखेंगे उन पेड़ों के पास जाकर तुम्हें वहां पर गुफा मिलेगी ।

 उस गुफा में  चार बौने होंगे उन चार बोनो को यह मिठाई बहुत पसंद है । यह मिठाई देकर तुम उनसे चक्की मांगना । किसान ने बूढी औरत की बात मानकर जंगल में चला गया । जाते-जाते उसे बूढी औरत के द्वारा  बताये गये चार बड़े पेड़ मिले ।

 जैसे ही गरीब किसान उनके पास गया तो उसे वहां  पर एक गुफा मिली । गरीब किसान ने गुफा के अंदर जाने का सोचा वह गुफा बहुत छोटी थी इसलिए किसान को उसमें झुक कर जाना पड़ा जब वह गुफा के अंदर गया वहां पर उसे चार बौने  दिखे । किसान ने उनके सामने  जाकर मिठाई का डब्बा खोल दिया चारों  ने जब मिठाई चखी तो उन्हें मिठाई बहुत अच्छी लगी इसलिए  उन्होंने किसान से ओर अधिक  मिठाई मांगी।

 किसान ने मिठाई के बदले चक्की मांगी बौनो ने चक्की किसान को दे दी और कहां यह एक जादुई चक्की है तुम इस चक्की से जो भी मांगोगे यह देगी और अगर तुम्हें इस चक्की को रोकना है तो तुम्हें इसके ऊपर यह लाल कपड़ा डालना पड़ेगा ।

 यह जानकार किसान ने वह चक्की उठाई और मिठाई का डब्बा वहां पर रखकर चला गया । किसान उस चक्की को घर ले गया और उससे अनाज, दाल आदि सब कुछ मांग कर अपनी पत्नी को दे दिया और उसकी पत्नी ने अपने परिवार के लिए खाना बनाया और सभी ने भरपेट खाना खाया।

 तब से किसान चक्की से अनाज मांगता और उन्हें बाजार में बेच देता था । कुछ समय के बाद किसान का परिवार बहुत अमीर हो गया । उनके पास बड़ा बंगला ,गाड़ी और अच्छे कपड़े आ गए ।

 जब बड़े भाई को छोटे भाई के बारे में पता चला तो वह हैरान रह गया । वह सोचने लगा  कि उसका भाई इतना अमीर कैसे हो गया । एक दिन वह अपने भाई के घर खाना खाने गया और खाना खाकर घर चला गया ।शाम होने पर वह खिड़की से अपने भाई के घर में देखने लगा उसने देखा कि उसका भाई चक्की से अनाज मांग रहा है और चक्की उसे दे रही है तब उसे  पता चल गया यह चक्की ही छोटे भाई के अमीर होने का कारण है।

 उस रात को वह अपने छोटे भाई के घर से चक्की चुराकर ले गया । अगले दिन सुबह सुबह उसने अपनी पत्नी को समान बांधकर दूसरे गांव जाने के लिए कहा उसकी पत्नी राजी हो गई । फिर उन्होंने एक नाव खरीदी और दूसरे गाँव की और चले गए रास्ते में उन्हें भूख लगी और उनकी पत्नी ने खाना निकाल कर बोला अरे मैं तो नमक ही नहीं लाई ।

पति ने कहा तुम चिंता मत करो हमारे पास यह चक्की है । उन्होंने उस चक्की से नमक मांगा और एक कटोरी में भरकर अपनी पत्नी को दे दिया लेकिन लेकिन चक्की रुकी ही नहीं और लगातार नमक देती रही । धीरे-धीरे करके पूरी नाव में नमक भर गया और नाव भारी होकर डूब गई ।

लोग मानते हैं यह एक असली कहानी है और वह चक्की समुद्र में अभी भी घूम रही है और लगातार नमक दे रही है ।

शिक्षा :- हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए ।


एक समय की बात है एक गांव में एक गरीब किसान रहता था । वह बहुत गरीब था लेकिन बहुत हि मेहनती था। उसके चार बेटे थे । पहले बेटे का नाम सुरेश था, दूसरे बेटे का नाम दिनेश था, तीसरे बेटे का नाम सोहन था और चौथे बेटे का नाम मोहन था ।


चारों बहुत आलसी थे । वह चारों अपने पिता की उनके काम में बिल्कुल भी मदद नहीं करते थे। कुछ समय बाद, वह गरीब किसान बहुत बूढ़ा हो गया । फिर कुछ महीनो बाद वह बहुत ज्यादा बीमार हो गया, अब उस किसान का अंत समय नजदीक था, उसने अपने चारों बेटों को बुलाकर कहां। सुनो मेरे बेटो- मैंने खेत में बहुत सारा खजाना छुपा रखा है, पर मुझे याद नहीं कहां छुपाया है जाओ और ढूंढो खजाना कहां है।

Ek Garib kisan ki kahani

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यह सुनकर चारों बेटों ने खेत को खोदना शुरू कर दिया। बहुत दिन तक मेहनत करने के बाद भी चारों में से किसी को भी खजाना नहीं मिला तो वे उदास हो गये । तभी वहा से एक समझदार व्यक्ति जा रहा था उसने उन चारों से कहा तुमने खेत खो खोद ही दिया है, तो  खेत में बीज  भी बो दो। व्यक्ति की बात मानकर चारों बेटों ने पूरे खेत में मिलकर बीज बो दिए।

कुछ समय बाद उनके खेत में बहुत अच्छी फसल  हुई। जिसे देखकर चारों बेटे बहुत खुश हुए । इसके बाद उन्होंने अपनी फसल को अच्छे दाम में बेच दिया। फसल  से उन्हें बहुत बढ़िया मुनाफा हुआ तब यह बात चारों बेटों के समझ में आई कि उनके पिता जी उन्हें किस खजाने के बारे में बताना चाहते थे ।

उस दिन के बाद उन चारों ने मेहनत करना शुरू कर दिया और एक खुशहाल जीवन जीने लगे ।

शिक्षा – मेहनत सबसे बड़ा धन है ।

तो दोस्तों ये थी-Ek Garib kisan ki kahani जो आप को शिक्षा देती है हमेशा मेहनत करने की और लालच ना करने की.

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