आज की इस पोस्ट में हम लाए हैं आपके लिए तीन बेहद ही रोचक कहानियां (Rochak Kahani)
कहानी सुनना सभी को अच्छा लगता है लेकिन अगर कहानी बेहद ही रोचक हो तो कहानी सुनने का मजा और बढ़ जाता है।
इसीलिए आइए पढ़ने हैं कुछ रोचक कहानियां।
नीले सियार की कहानी( Rochak Kahani )
बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में एक सियार रहता था। वह सियार इतना डरपोक था कि अपने भोजन के लिए शिकार भी नहीं कर पता था। एक दिन कुछ जंगली कुत्ते सियार के पीछे पड़ गए। अपनी जान बचाने के लिए सियार ने इधर-उधर भागना शुरू कर दिया।
भागते-भागते सियार एक गांव में पहुंचा। कुत्तों से बचने के लिए सियार गांव में एक धोबी के घर के अंदर एक बड़े से बर्तन में छुप गया। बर्तन में धोबी ने नील डाल रखा था। कुत्तों के जाने के बाद जब सियार बर्तन से बाहर निकला तो नील की वजह से उसका रंग नीला हो गया।
जब अपने नीले रंग के साथ सियार जंगल में पहुंचा तो सभी जानवर उससे डरने लगे। जब सियार को इस बात का एहसास हुआ तो उसने एक युक्ति सोची।
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उसने सभी जानवरों से कहा कि मुझे स्वयं भगवान ने अपना दूत बनाकर भेजा है। जो भी मेरी बात नहीं मानेगा मैं उसे अपनी ताकत से भस्म कर दूंगा। यदि सभी जीवित रहना चाहते हो तो आज से मुझे अपना राजा मानना होगा।
मृत्यु के डर के कारण सभी जानवरों ने सियार की बात को मान लिया। राजा बनने के बाद सियार ने अपनी जाति के सभी सियारों को जंगल से निकलवा दिया। उसने शेर, चीता और हाथी जैसे ताकतवर जानवरों को अपने सेनापति के रूप में नियुक्त कर दिया। और पूरे जंगल पर राज करने लगा।
एक दिन चांदनी रात में सियारों की एक टोली चांद को देखकर चिल्ला रही थी। अपने दोस्तों को चिल्लाते हुए देख नीले सियार ने भी जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया क्योंकि उसे जन्म से ही सियारों की तरह चिल्लाने की आदत थी।
उसकी आवाज सुनकर शेर और अन्य जानवरों को तुरंत पता चल गया कि यह भी एक सियार है जो उन्हें मुर्ख बनाकर उन पर राज कर रहा था। यह पता चलते ही शेर ने उसे दबोच लिया और उसका वहीं पर काम तमाम कर दिया।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कपट करने वाले का अंत में नाश हो जाता है।
भालू और 2 मित्र-Rochak Kahani
बहुत समय पहले की बात है राजू और रामू नाम के दो दोस्त हुआ करते थे. दोनों में बहुत पक्का याराना था और दोनों ने एक दूसरे का हमेशा साथ देने का वादा भी किया था.
एक दिन दोनों ने जंगल में जाकर घूमने के बारे में सोचा. दोनों दोस्त निकल पड़े जंगल में घूमने के लिए. दोनों दोस्त जंगल की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे थे. और हंसते खेलते हुए जंगल जा रहे थे.
कुछ समय बाद दोनों बातों ही बातों में जंगल के काफी अंदर चले गए. तभी दोनों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई क्योंकि उन्होंने सामने ही एक भालू को अपनी तरफ आते हुए देखा. राजू को पेड़ पर चढ़ना आता था परंतु रामू को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था.
भालू को अपनी तरफ आता देख राजू तुरंत पेड़ पर चढ़ गया. अब रामू के प्राण संकट में थे. इस संकट की घड़ी में राजू ने अपने दोस्त रामू की सहायता करने की बजाय अपनी जान बचाने की सोची उसने रामू के बारे में नहीं सोचा.
लेकिन रामू एक समझदार बच्चा था उसने मुसीबत के समय समझदारी से कम लिया. और वह जमीन पर सांस रोक कर लेट गया.
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जब भालू ने रामू के पास आकर उसे सुंघा तो भालू उसे मरा हुआ समझकर वहां से चला गया.
भालू के जाने के बाद राजू पेड़ से नीचे उतरा और उसने रामू से पूछा कि भालू ने उसके कान में क्या कहा?
रामू ने उत्तर दिया भालू ने मेरे कान में कहा,” झूठ दोस्तों से सावधान रहें “.
कहानी का सारांश:- एक सच्चा दोस्त वह है जो मुसीबत के समय आपका साथ दे.
शेर और खरगोश-Best Rochak Kahani
एक जंगल में एक बेहद ही दुष्ट शेर रहता था जंगल के सभी जानवर उस से परेशान थे क्योंकि शेर जब भी शिकार पर निकलता था तो वह कई जानवरों को मार देता था।
इस समस्या के समाधान के लिए एक दिन सभी जानवरों ने हिम्मत करके शेर कहा कि हे महाराज आप एक दिन में कई जानवरों का शिकार कर देते हैं यदि ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे जंगल में जानवरों की संख्या कम हो जाएगी और एक दिन ऐसा आएगा कि आपको भोजन नहीं मिलेगा।
इसलिए आपसे निवेदन है कि जानवरों का शिकार करना बंद कर दें। यदि आप ऐसा करते हैं तो हम में से एक जानवर रोज आपके पास आपके भोजन के रूप में आ जाया करेगा जिसे खाकर आप अपनी भूख शांत कर सकते हैं।
शेर को जानवरों का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा क्योंकि इसमें शेर को बिना मेहनत कर ही भोजन प्राप्त हो रहा था। शेर ने यह बात मान ली लेकिन शेर ने कहा ,”यदि किसी दिन तुम में से कोई मेरे भोजन के रूप में नहीं आया तो मैं सभी को मारकर खा जाऊंगा.”
समय बितता गया और एक दिन शेर के पास जाने की बारी एक खरगोश की आई। खरगोश ने अपने प्राण बचाने का एक उपाय सोचा और वह जानबूझकर शेर के पास देरी से गया। जब खरगोश शेर के पास पहुंचा तो शेर को बहुत गुस्सा आया उसने कहा है ,”मूर्ख खरगोश तुम इतनी देर से क्यों आए हो भूख के मारे मेरे प्राण निकल जा रहे हैं”.
खरगोश ने कहा ,”महाराज इसमें मेरी कोई गलती नहीं है मैं तो समय पर ही आ रहा था कि रास्ते में मुझे एक दूसरा शेर मिल गया, मैं बड़ी मुश्किल से अपने प्राण बचाकर आ रहा हूं”।
यह बात सुनकर शेर को बहुत गुस्सा आया उसने खरगोश से कहा कि कौन है वह मूर्ख जो मेरे इलाके में आया है मैं उसे जिंदा नहीं छोडूंगा जल्दी से मुझे उसके पास लेकर चलो।
यह कहकर शेर खरगोश के साथ चल पड़ा रास्ते में खरगोश ने एक कुएं की तरफ इशारा करते हुए कहा महाराज वह शेर इस कुएं के अंदर है।
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जैसे ही शेर ने कुएं के अंदर देखा तो उसे पानी में अपनी परछाई दिखाई दी उसे लगा कि यह दूसरा शेर है और वह बिना सोचे समझे कुएं में कूद पड़ा।
कुएं में गिरकर शेर की मृत्यु हो गई और इसके बाद पूरा जंगल शांति से रहने लगा।
इस कहानी से हमें दो शिक्षाएं मिलती हैं पहली समझदारी से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
दूसरा बिना सोचे समझे किए गए कार्य का परिणाम बुरा होता है।
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